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Sunday, May 31, 2020

क्लास टीचर का सबक


एक बार एक student जल्दबाजी में अपनी सीट पर पहुंचने के चक्कर में दूसरे student से टकरा गया| दूसरा student बोतल से पानी पी रहा था तो धक्का लगने की वजह से पानी उसकी कमीज पर गिर गया और उसकी कमीज गीली हो गई|

दूसरा student पहले student पर चिल्लाया, देख कर नहीं चल सकते क्या अंधे?
पहले student ने विनम्रता से जवाब देते हुए:- कहा माफ करना गलती से लग गया|
लेकिन पहला student जितनी विनम्रता से माफी मांग रहा था दूसरा student उस पर उतना ही भड़क रहा था| पूरा class यह सब देख रहा था|
तभी class teacher क्लास रूम में आती हैं और उनका गुस्सा शांत कराकर उनको अपनी अपनी सीटों पर बैठा देती है|
टीचर उनको एक ज्ञान की बात सुनाती है:-
एक बार एक मीटिंग में 2 लोग हिस्सा लेने गए हुए थे| दोनों के हाथ में गर्म चाय से भरे हुए कप थे| किसी वजह से दोनों एक दूसरे से टकरा गए और गर्म चाय से भरे हुए कप एक दूसरे के ऊपर छलक गए|
दोनों लोगों में बहस शुरू हो गई और मामला इतना serious हो गया कि पुलिस बुलानी पड़ गई और उन दोनों को जेल हो गई|
टीचर बोली असल में कप उनका मन था जिसमें गर्म गर्म चाय यानी गुस्से वाले भाव भरे हुए थे| जैसे ही दोनों में टकराव हुआ दोनों के मन के भाव यानी गुस्सा जिसे हम चाय कह रहे हैं, एक दूसरे पर बरस पड़े और दोनों में झड़प हो गई|
हम सबके साथ हमारा कप हमेशा होता है| उसमें चाय भरेंगे तो चाय ही गिरेगी ना| अगर ठंडा पानी भरेंगे तो ठंडा पानी गिरेगा| तो अब आप लोग ही तय करिए कि आपको अपने कप में क्या भरना है|
जैसे हमारे विचार होते हैं ठीक वैसा ही हमारा व्यवहार होता है

वो ज़माना कुछ और था

वो ज़माना और था.. कि जब पड़ोसियों के आधे बर्तन हमारे घर और हमारे बर्तन उनके घर मे होते थे। वो ज़माना और था .. कि जब पड़ोस के घर बेटी...