No posts with label KitaabKaKeeda. Show all posts
No posts with label KitaabKaKeeda. Show all posts

वो ज़माना कुछ और था

वो ज़माना और था.. कि जब पड़ोसियों के आधे बर्तन हमारे घर और हमारे बर्तन उनके घर मे होते थे। वो ज़माना और था .. कि जब पड़ोस के घर बेटी...